About Us
upkisan.org एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो भारतीय किसानों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के किसानों को उनकी खेती और आर्थिक विकास में मदद करने के लिए समर्पित है। हमारा मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, सरकारी योजनाओं, और कृषि संबंधित जानकारी से जोड़कर उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि करना है। हमारी शुरुआत किसानों के लिए डिजिटल सेवाओं को सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से हुई। हमारी टीम ने महसूस किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी की कमी, तकनीकी सहायता की आवश्यकता, और डायरेक्ट मार्केट एक्सेस न होने से किसान अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसलिए, हमने इस मंच को विकसित किया ताकि किसान सरकारी योजनाओं, कृषि उपकरणों, और बाजार की जानकारी तक आसानी से पहुंच सकें। साथ ही, हम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए ई-कॉमर्स सेवाएं और तकनीकी समाधान भी प्रदान करते हैं।
हमारा मिशन
हमारा मिशन है किसानों को सशक्त बनाना और उन्हें खेती के नवीनतम तरीकों, सरकारी योजनाओं, और बाजार के अवसरों से अवगत कराना। हम चाहते हैं कि हर किसान डिजिटल साक्षर बने और अपनी खेती को लाभदायक बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों तक पहुंच सके। वाराणसी स्थित हमारे विश्वस्तरीय अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – भारत का पहला किसान प्रशिक्षण केंद्र, किसानों और एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को बुनियादी से लेकर अत्याधुनिक कृषि तकनीकों तक संपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करता है। यहां प्रशिक्षित किसान और एफपीओ नए मानक स्थापित कर रहे हैं और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।
कृषि नवाचार और तकनीकी उन्नयन
हम किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों जैसे जैविक खेती, जलवायु-आधारित खेती, पल्स्ड इलेक्ट्रिक फील्ड (PEF) आधारित खाद्य प्रसंस्करण, और कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीकों के उपयोग का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, ड्रोन तकनीक और स्मार्ट फार्मिंग जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों पर भी व्यावहारिक अनुभव उपलब्ध कराते हैं, जिससे किसानों की उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो।
बाज़ार, विपणन सहयोग और प्रशिक्षण
किसानों को उचित बाजार तक पहुंच और सही मूल्य दिलाने के लिए, हम उन्हें विपणन रणनीतियों, मूल्य निर्धारण, ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के उपयोग का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने उत्पादों का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें। हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों, मिट्टी परीक्षण, जल प्रबंधन, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित कृषि समाधान पर संपूर्ण जानकारी दी जाती है। यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाता है।
समर्थन, परामर्श और सरकारी योजनाओं की जानकारी
हम किसानों और एफपीओ को प्रस्ताव लेखन, दस्तावेज़ीकरण, वित्तीय सहायता, पैकेजिंग तकनीकों, विपणन रणनीतियों और निर्यात प्रक्रियाओं से जुड़ी संपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं। साथ ही, अनुभवी कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिससे वे नवीनतम अनुसंधान और तकनीकों का अधिकतम लाभ उठा सकें। हम किसानों और एफपीओ को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हैं और इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
डिजिटल सशक्तिकरण
डिजिटल युग में किसानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए, हम किसानों और एफपीओ को निःशुल्क वेब-सेवा (निःशुल्क वेबसाइट स्पेस) प्रदान करते हैं। प्रत्येक किसान और एफपीओ के लिए एक समर्पित वेबसाइट तैयार की जाती है, जहां वे अपनी फसलों, उत्पादों, प्रसंस्करण प्रक्रियाओं और सेवाओं को ऑनलाइन प्रदर्शित कर सकते हैं। यह सुविधा उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से सीधे जुड़ने तथा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करती है।नोट – फिलहाल यह सेवा केवल उत्तर प्रदेश के किसानों और एफपीओ के लिए उपलब्ध है और जल्द ही अन्य राज्यों में भी शुरू की जाएगी।
हमारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस न केवल किसानों और एफपीओ को सशक्त बना रहा है, बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 🚀
हमारी टीम
Upkisan.org की टीम भारतीय किसानों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक जुझारू समूह है, जिसमें कृषि विशेषज्ञ, तकनीकी जानकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। हम आधुनिक खेती, सरकारी योजनाओं और बाजार की जानकारी को किसानों तक पहुंचाकर उनकी प्रगति और आत्मनिर्भरता के लिए काम करते हैं। हमारा मानना है कि किसानों का विकास ही देश का विकास है। विविध अनुभवों से भरी हमारी टीम जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझती है और उनके समाधान के लिए प्रयास करती है। हम निरंतर नए और प्रभावी तरीके ढूंढते हैं ताकि किसानों को उनकी खेती में सफलता मिल सके। हमारा लक्ष्य है – हर किसान को सम्मान, संसाधन और समृद्ध भविष्य देना। आपका सहयोग हमें इस मिशन में और मजबूती देता है।
अमित सिंह: किसानों को सशक्त बनाने वाले एक दूरदर्शी नेता
अमित सिंह, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) से एम.टेक. डिग्रीधारी हैं, ने भारतीय किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। एक इंजीनियर और इनोवेटर होने के साथ-साथ, उन्होंने खेती और कृषि क्षेत्र में अपनी दूरदृष्टि और तकनीकी ज्ञान से हजारों किसानों के जीवन को बदलने का कार्य किया है।
भारत के पहले किसान उत्पादक संगठन (FPO) के संस्थापक: 6 फरवरी, 2021 को अमित सिंह के नेतृत्व में भारत का पहला किसान उत्पादक संगठन (FPO) वाराणसी, उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुआ। इसे “कृषक उत्पादक संगठन एवं औद्यानिक विपणन सहकारी समिति” नाम दिया गया। यह संगठन हरी मिर्च और मशरूम प्रसंस्करण इकाई के रूप में शुरू हुआ था और आज यह पूरे देश में किसानों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
किसानों को सशक्त बनाने का मिशन: अमित सिंह की अगुवाई में, यह संगठन हजारों किसानों को उनकी कृषि और जीवनशैली में सुधार के अवसर प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान इस मंच से जुड़कर लाभ उठा रहे हैं। अमित सिंह मानते हैं कि ज्ञान ही शक्ति है। उन्होंने अपने एफपीओ के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण, फसल विविधीकरण और मूल्यवर्धन प्रक्रियाओं का ज्ञान, बेहतर कृषि उपकरणों और बाजार संपर्क की सुविधा प्रदान की है। इस प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के चलते किसान अब अपनी उपज को अधिकतम लाभकारी बना पा रहे हैं।
अमित सिंह के प्रयासों ने उन्हें कृषि क्षेत्र में योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान दिलाए हैं। एक आईआईटीयन होने के नाते, उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञता और ग्रामीण समुदाय के साथ जुड़ाव को प्राथमिकता दी। उनका कार्य यह दर्शाता है कि कैसे समर्पण और तकनीक कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। अमित सिंह का सपना है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध बने। वे कृषि में सतत विकास और सशक्त किसान समुदाय के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, एफपीओ ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए उम्मीद का केंद्र बनकर काम किया है,आधुनिक कृषि नवाचारों को अपनाने की दिशा में प्रेरित किया है,सतत और लाभकारी कृषि को बढ़ावा दिया है।
अनिल सिंह
अनिल कुमार सिंह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र रहे और महामना मदन मोहन मालवीय जी को अपना आदर्श मानते हुए पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता, और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में संस्कारशाला चलाते हैं और अपने पिता स्व0 राममूर्ति सिंह के मार्ग पर चलकर समाजहित के कार्यों में समर्पित हैं। अनिल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नवग्रह वाटिका बनाई और काशी में एक करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया, जिसमें से 30 लाख पौधे लगवाकर संरक्षित कर चुके हैं।
आपने कई महापुरुषों के नाम पर वन बनाए हैं और काशी के 100 तालाबों को स्वच्छ एवं संरक्षित करने का शपथ लिया है। कोरोना काल में भूगर्भ जलस्तर बनाए रखने के लिए तालाब खुदवाए और जल संचयन टैंक बनवाए। उन्होंने जल संरक्षण में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया और तीन सालों में 328 रैलियाँ आयोजित कीं। गंगा नदी की सफाई में भी योगदान दिया है। अनिल कुमार सिंह को विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।
पुरस्कार:
- 2012 में कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित।
- 2016 में रोटरी क्लब बनारस द्वारा एक्सेलेन्स सम्मान।
- 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पूर्वांचल सम्मान।
- गंगा हरितिमा अभियान हेतु मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पौधरोपण में सहभागिता।
- स्वच्छता दूत काशी के रूप में सम्मान।
- जल मित्र उपाधि दैनिक जागरण द्वारा।
- नमामि गंगे मिशन के तहत सम्मानित।
- 2021 में प्रधान सचिव द्वारा सराहा और सम्मानित।
- काशी विद्यापीठ ब्लॉक में देश के प्रथम एफ.पी.ओ. का निबंधन प्रमाण पत्र।
- 2020 में ‘‘भारत गौरव रत्न’’ से सम्मानित।
- पीडीएफ यूनिवर्सिटी, अमेरिका द्वारा डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर्यावरण अवार्ड।
- उ.प्र. द्वारा हरितिमा के अग्रदूत के रूप में नामित।
अनुपमा सिंह: उत्तर प्रदेश में मशरूम उत्पादन की क्रांति की अग्रदूत
किसानों की बेटी और कृषि नवप्रवर्तक, श्रीमती अनुपमा सिंह ने पिछले एक दशक में मशरूम उत्पादन को उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनाया है। उनका संघर्ष और समर्पण छोटे किसानों के जीवन में बदलाव की एक मिसाल है।
उनके प्रमुख प्रयास:
- ✅ प्रशिक्षण और जागरूकता: 5,000+ किसानों को मशरूम उगाने की आधुनिक तकनीकों का निःशुल्क प्रशिक्षण।
- ✅ बाज़ार संपर्क: उत्पादों के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और बेहतर मूल्य पर बिक्री के लिए सीधे बाज़ारों से जोड़ना।
- ✅ पोषण अभियान: मशरूम को “सुपरफूड” के रूप में प्रचारित करके स्वास्थ्य और आय दोनों में वृद्धि।
- ✅ महिला सशक्तिकरण: ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन की इकाइयाँ स्थापित करने में मदद।
- ✅ टेक्नोलॉजी एकीकरण: कम लागत वाले उपकरण और डिजिटल मार्केटिंग तकनीकों का प्रशिक्षण।
गरिमा श्रीवास्तव
गरिमा श्रीवास्तव, वाणिज्य में विशेषज्ञता प्राप्त एमबीए स्नातक, छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए वैश्विक बिक्री और विपणन के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से किसानों को नए बाजार और बेहतर अवसर मिल रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है। उन्होंने 500+ किसानों को यूरोप और मध्य पूर्व में मशरूम तथा ऑर्गेनिक उत्पादों का निर्यात करने में मदद की है, जिससे 60% तक आय वृद्धि हुई। डिजिटल ब्रांडिंग, प्रसंस्करण इकाइयों का विकास, और FSSAI प्रमाणन जैसी पहलों के माध्यम से गरिमा किसानों को वैश्विक पहचान दिला रही हैं। उनका लक्ष्य 2025 तक 4,000+ किसानों को निर्यात आपूर्ति श्रृंखला से जोड़कर गाँवों को आत्मनिर्भर बनाना है।
बृजेश अस्थाना
बृजेश अस्थाना एक अनुभवी लेखाकार हैं, जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से किसानों के लिए वित्तीय सहायता, शिक्षा, और प्रशिक्षण प्रदान किया है। आपने जमीनी स्तर पर काम करके हजारों किसानों की आय और आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। आपने किसानों को बजट बनाने, खर्च प्रबंधन, और लाभदायक कृषि योजनाएँ बनाने में मदद की है। आपने किसानों को लेखांकन की बुनियादी जानकारी से लेकर उन्नत वित्तीय प्रबंधन तक की शिक्षा दी है। आपके पास व्यवहारिक ज्ञान है, जो आपने अपने अनुभव से सीखा है। आपने किसानों को सरल और प्रभावी तरीके सिखाए हैं, जिन्हें वे आसानी से समझ और लागू कर सकते हैं। आपके प्रयासों से हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके हैं।
तुषार
तुषार, एक कुशल और समर्पित कृषि विशेषज्ञ हैं, जो सतत खेती तकनीकों, उत्पादकता बढ़ाने, और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से किसानों की बेहतरी के लिए निरंतर कार्यरत हैं। तुषार ने अपनी विशेषज्ञता केवल थ्योरी तक सीमित नहीं रखी है, बल्कि वे जमीनी स्तर पर किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वे ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें व्यावहारिक समाधान प्रदान करते हैं। उनके प्रयासों का मुख्य फोकस निम्नलिखित बिंदुओं पर रहता है:
- FPO के गठन में मार्गदर्शन
तुषार किसानों को एफपीओ के गठन की प्रक्रिया को समझाने, जरूरी दस्तावेज़ तैयार करने, और पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने में सहायता करते हैं। तुषार यह सुनिश्चित करते हैं कि एफपीओ सही तरीके से संचालित हो और किसानों को एक मंच प्रदान करे जहाँ वे सामूहिक रूप से काम कर सकें और अपनी फसल का सही मूल्य प्राप्त कर सकें। - सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना
तुषार यह सुनिश्चित करते हैं कि किसान केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। वे किसानों को इन योजनाओं के बारे में जानकारी देते हैं और आवेदन प्रक्रिया में सहायता करते हैं। - वित्तीय मार्गदर्शन
तुषार, किसानों को उनकी आर्थिक जरूरतों के लिए सही वित्तीय मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वे उन्हें क्रेडिट सुविधाओं, सब्सिडी, और कम ब्याज दरों पर मिलने वाले कृषि ऋणों के बारे में जानकारी देते हैं। इसके साथ ही, वे किसानों को ऋण के लिए आवेदन करने, दस्तावेज़ तैयार करने और बैंकिंग प्रक्रियाओं में सहयोग करते हैं। - प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान
तुषार स्थानीय स्तर पर कार्यशालाओं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिससे किसानों को नई तकनीकों को अपनाने और बेहतर कृषि परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती है। - दस्तावेज़ीकरण में सहायता
किसानों को सही दस्तावेज़ तैयार करने में अक्सर कठिनाई होती है। तुषार इस प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाते हैं। वे भूमि रिकॉर्ड, सहमति पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों के प्रबंधन में मदद करते हैं।
यदि आपके पास कोई प्रश्न है या आपको हमारी सेवाओं के बारे में और जानकारी चाहिए, तो कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपके साथ जुड़ने और आपकी सहायता करने के लिए सदैव तैयार हैं।
संपर्क करें
- Email: info@upkisan.org
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