कृषक उत्पादक संगठन और औद्योगिक विपणन सहकारी समिति सीबीबीओ नामित, बलिया और वाराणसी के किसानों को मिलेगा लाभ

नाबार्ड FPO

वाराणसी, उoप्रo उपभोगता सहकारी संघ लिमिटेड ने वाराणसी स्थित कृषक उत्पादक संगठन और औद्योगिक  विपणन सहकारी समिति  को उत्तर प्रदेश के बलिया और वाराणसी जिलों के लिए क्लस्टर बेस्ड बिजनेस ऑर्गनाइजेशन (सीबीबीओ) के रूप में चयनित किया है। इस नियुक्ति के बाद समिति इन दोनों जिलों के किसानों को आधुनिक कृषि प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा और FPO (फ़ार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के गठन के लिए प्रोत्साहित करेगी, ताकि उनकी आय और कृषि उत्पादकता में सतत वृद्धि हो सके।

उप्र उपभोगता सहकारी संघ लिमिटेड की पहल और समिति की भूमिका

उप्र उपभोगता सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा सीबीबीओ के रूप में समिति का चयन कृषि क्षेत्र में सहकारिता और समूह आधारित व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समिति अब बलिया और वाराणसी के किसानों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी:

  1. कृषि प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम: जैविक खेती, ड्रिप सिंचाई, फसल प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण।
  2. एफपीओ गठन में सहयोग: छोटे और सीमांत किसानों को समूह बनाकर सामूहिक खरीद, प्रसंस्करण और विपणन की सुविधा देना।
  3. तकनीकी एवं वित्तीय सहायता: सरकारी योजनाओं, बैंक ऋण और बाजार से जोड़ने में मदद।

उoप्रo उपभोगता सहकारी संघ लिमिटेड की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

सीबीबीओ के रूप में चयनित संस्थाएं कृषि उत्पादकता बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा, “बलिया और वाराणसी के किसानों को एफपीओ से जोड़कर हम उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे।” यह पहल उत्तर प्रदेश के किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। समिति के प्रयासों से अब बलिया और वाराणसी के किसानों को न केवल बेहतर तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान भी बना सकेंगे।

# कृषि अवसंरचना कोष (AIF) – FAQs

One thought on “कृषक उत्पादक संगठन और औद्योगिक विपणन सहकारी समिति सीबीबीओ नामित, बलिया और वाराणसी के किसानों को मिलेगा लाभ

  1. सहकारी संघ के इस निर्णय से कृषि क्षेत्र में सहकारिता को और मजबूती मिलेगी। बलिया और वाराणसी के किसानों को इससे बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होंगी। समूह आधारित व्यवसाय मॉडल के जरिए किसान अपने उत्पादों का बेहतर प्रबंधन कर सकेंगे। इस पहल से क्षेत्र में कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। समिति इस योजना को कितने समय में पूरा करने की योजना बना रही है?

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