CSA Kanpur के छात्र बनेंगे उद्यमी — मिलेगा ब्याज मुक्त लोन

कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (CSA Kanpur) ने अपने छात्रों को न केवल कृषि के वैज्ञानिक पहलुओं में पारंगत बनाने का संकल्प लिया है, बल्कि उन्हें कृषि आधारित उद्यमिता में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की नई पहल के तहत छात्र अब स्टार्टअप के माध्यम से किसानों की समस्याओं का व्यावसायिक समाधान तलाश रहे हैं। विश्वविद्यालय अब छात्रों के नवाचारपूर्ण विचारों को स्टार्टअप में बदलने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा। इस पहल को सशक्त करने के लिए बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सीएसए विश्वविद्यालय और एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ।

मुख्य बातें:
- सीएसए विवि ने छात्रों के लिए एग्री-स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम शुरू किया है।
- इस कार्यक्रम में छात्रों को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता दी जा रही है ताकि वे कृषि आधारित उत्पादों व सेवाओं का नवाचार कर सकें।
- विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि युवा वैज्ञानिकों को अगर सही दिशा और संसाधन मिलें, तो वे नई तकनीकों और कृषि यंत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कृषि में नवाचार को बढ़ावा:
कार्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बताया कि इस समझौते से न केवल वर्तमान छात्र, बल्कि पूर्व छात्र भी विश्वविद्यालय की सहायता से स्वयं का कृषि व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। इसके अंतर्गत कृषि आधारित स्टार्टअप, प्रौद्योगिकी, हरित अर्थव्यवस्था और डिजिटल व्यापार जैसे विषयों पर वेबिनार, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को वैश्विक बाजार की विशेषज्ञता प्राप्त हो सके।
प्रेरणादायक पहल:
सीएसए विवि के इस प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि कृषि और विज्ञान का संगम ही भविष्य की खेती को सशक्त बना सकता है। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में सहायक साबित हो सकती है। कानपुर स्थित चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (CSA Kanpur) ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। अब विवि के छात्र न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि कृषि आधारित स्टार्टअप के ज़रिए एग्री-प्रेन्योर (Agri-preneur) भी बन रहे हैं। इस पहल के तहत छात्रों को इनक्यूबेशन प्रोग्राम, मार्गदर्शन, और तकनीकी सहायता मिल रही है ताकि वे खेती के लिए उपयोगी तकनीकें, यंत्र और सेवाएं विकसित कर सकें। इस पहल के अंतर्गत प्रौद्योगिकी, डिजिटल व्यापार, हरित अर्थव्यवस्था और लघु उद्यमों को सुलभ एवं सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह समझौता कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने और उन्हें आधुनिक रूप से विकसित करने की दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा। कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत 21 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं को ₹5 लाख तक का ब्याज मुक्त, गारंटी मुक्त एवं 10% अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे कृषि से जुड़े व्यवसायों को तकनीकी संसाधनों के साथ सरल, व्यावसायिक और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकेगा। इस अवसर पर एमएसएमई, खादी, ग्रामोद्योग, रेशम एवं वस्त्र मंत्री श्री राकेश सचान, तथा उद्योग निदेशालय के आयुक्त एवं निदेशक श्री के. विजयेंद्र पांडियन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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